Solar Panel :
आज के समय में बिजली की आवश्यकताएं दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, ऐसे में लोगों को बिजली का बिल भी अधिक बढ़ता हुआ प्राप्त हो रहा है। साथ ही जीवाश्म ईंधन के अधिक प्रयोग से पर्यावरण प्रदूषण तेजी से हो रहा है।
जिसे आप सीधे रूप से जलवायु परिवर्तन में देख सकते हैं। इन सभी समस्याओं को हल करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों का प्रयोग किया जा सकता है। सौर ऊर्जा के प्रयोग के लिए सोलर पैनल की स्थापना की जा सकती है।
सोलर पैनल खरीदने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
सोलर पैनल प्लांट को स्थापित करने से नागरिक को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं, जिसके लिए आवश्यक है, कि नागरिक सोलर प्लांट की स्थापना ध्यानपूर्वक एवं कुशलता से करे।
अपनी जरूरतों को ध्यान में रखें
सोलर पैनल खरीदने से पहले सोलर पैनल से संबंधित सभी जानकारियों को अधिक से अधिक जानें। सोलर पैनल पर 25 वर्ष की वारंटी उपभोक्ता को प्रदान की जाती है। जिस से उपभोक्ता को भी अपने निवेश पर भरोसा रहता है।
सोलर सिस्टम को स्थापित करने के स्थान के लोड को जानें
सोलर सिस्टम स्थापित करने से पहले आपको आपके घर के बिजली की खपत की जानकरी होनी चाहिए। आप बिजली के लोड की गणना इलेक्ट्रिक मीटर के माध्यम से भी जान सकते हैं। ऐसे में आप एक उचित क्षमता का सोलर सिस्टम स्थापित कर सकते हैं।
सोलर पैनल की क्षमता का आकलन करें
यदि आपके पास सीमित स्थान है, तो आप उच्च वाट के सोलर सिस्टम को अपने सोलर सिस्टम में स्थापित कर सकते हैं। जिस से आपकी बिजली की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है।
सोलर पैनल के प्रकार की जानकारी
सोलर पैनल मुख्यतः पॉलीक्रिस्टलाइन, मोनोक्रिस्टलाइन एवं बाइफेशियल प्रकार के होते हैं। इनमें पॉलीक्रिस्टलाइन की कीमत कम होती है, इसलिए इनका सर्वाधिक प्रयोग किया जाता है। मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल उच्च दक्षता के होते हैं।
पावर कट की स्थिति
यदि आप सोलर सिस्टम ऐसे क्षेत्र में स्थापित करना चाहते हैं, जहां इलेक्ट्रिक ग्रिड की कटौती अधिक है। तो ऐसे में आप ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम का प्रयोग कर सकते हैं, जिसमें आप पावर बैकअप रखने के लिए सोलर बैटरी का प्रयोग कर सकते हैं।
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